Option trading in hindi (ऑप्शन ट्रेंडिंग हिन्दी मे जाने)
option trading in hindi |
Disclaimer: यह ब्लॉग केबल education परपस के लिए बनाया गया हैं इस ब्लॉग के मध्यम से सिर्फ लोगो को finecial educated करना। और इस ब्लाग पर ऐसी कोई भी बात नही बताए गाय , जिससे आपका finecial loss हो। कृपया आप अपने riks पर invest या trad kare
Option trading एक रिस्की ट्रेंडिंग होता हैं आप सब से एक अनुरोध है कि जब तक आपको अच्छे से मार्केट के नॉलेज न हो जाए तब तक आप मार्केट से दूर ही रहे।
Summary of option trading👇
- Option trading in Hindi
- Future and option trading in Hindi
- Call option and put option
- Option trading rules in hindi
- Option trading strategies
- Call option and put option:(कॉल ऑप्शन और पुट ऑप्टिन)
Call option और put option जानने से पहले आपके Index ke contract यानी Future and option को जानना होगा।- Future Trading in hindi:(फ्यूचर ट्रेंडिन हिन्दी)
फ्यूचर में दो तरह से ट्रेडिंग कर सकते हैं यानि मार्केट नीचे गिरेगा। तो (put option) को खरीद (Buy) कर सकते हैं और मार्केट ऊपर जायेगा तो (put option) को बेच (sell) कर सकते हैं
Future me ट्रेडिंग करने के लिए कैपिटल ज्यादा लगता हैं ऑप्शन के अपेक्षा क्युकी आप फ्यूचर में thita यानी टाइम value आपके favar में होता हैं thita Gama delta को समझने के लिए आपको option Greek को समझना परेगा। Option Greek पर blog लिखदेंगे। अभी चालिए अपने टॉपिक पर बात करते हैं।
- Option trading in hindi:(ऑप्शन ट्रेडिन हिंदी)
Option ट्रेंडिंग में कैपिटल काम लगता हैं मगर टाइम decay बहुत ज्यादा होता हैं। इसीलिए future ट्रेंड के अपेक्षा option ट्रेंडी ज्यादा रिक्शी होता हैं फ्यूचर में wining ratio 70 % parcent होता हैं और ऑप्शन में 30% होते हैं।
ऑप्शन ट्रेंडी यदि मार्केट अप साइड में चल रहा हैं तो हम (call option) को खरीद (buy) कर सकते हैं और मार्केट यदि डाउन लाइन चल रहा हैं, तो (put option)में सेल कर सकते हैं।
Call option उसे कहते हैं जो जब मार्केट अप साइड या डाउन साइड चल रहा हैं तब index के contracts ke फ्यूचर और option में खरीदारी और बिक्री को दर्सता हैं
Put option उसे कहते हैं जो जब मार्केट अप साइड या डाउन साइड चल रहा हैं तब index के contracts ke future और option में खरीदारी और बिक्री को दर्सता हैं
Option trading rules in hindi:
- बिना सीखे ऑप्शन ट्रेंडिंग कभी न करे
- बिना strategy ऑप्शन ट्रेंडिंग न करे
- ओवर ट्रेड न करे
- लॉस कवर करने के लिए ट्रेंडिंग न करे
- ट्रेलिंग स्टॉप लॉस लगाए
अब चलाइए इन सभी नियम को एक एक कर जाते हैं
- बिना सीखे ऑप्शन ट्रेंडिंग कभी न करे:(Sikhe Bina option trading n kare)
ट्रेंडिन को सिखे बिना अगर आप ऑप्टिन ट्रेंडिंग करते हैं तो आपको लॉस होना तय हैं क्योंकि ऑप्टिन ट्रेडिंग एक स्किल (skills) जो सिख कर ही करना चहिए। नही तो लॉस होना तय हैं।
यदि आप भी ऑप्शन ट्रेंडिंग करना चाहते हैं। तो इसका पहला नियम यही हैं की बिना सीखे समझे अगर ऑप्टिन ट्रेंडिंग को नहीं करना चाहिए। लेकिन इसे बहुत से लोग होते हैं जो बिना कुछ समझे सीखे बहुत सारे लोग ऑप्टिन ट्रेंडिंग करने लगते हैं।
इसका सबसे बड़ा कारण हैं कि ज्यादातर लोगों को लगता हैं कि शेयर मार्केट एक सता बजार हैं और वो इसे सट्टे बजार तरह की तरह से खेलने लगता हैं। और बहुत सारे लॉस करके फिर कुछ दिन के बाद मार्केट से बाहर हो जाते है
लेकिन आपके जानकारी के लिए बता दू की शेयर मार्केट एक skills base Business हैं इसे बिजनेस कि तरह करना चहिए। और सोचना चहिए।
- बिना स्ट्रेटजी के ऑप्शन ट्रेंडिंग न करे :(Bina strategy ke option trading n kare)
ऑप्शन ट्रेंडिंग हो या कोई और ट्रेंडिंग लेकिन आपको एक स्ट्रेटजी जरूर सीखनी चाहिए। बिना स्ट्रेटजी को ट्रेंसिंग करते हैं तो आप लम्बे समय तक ट्रेंडिंग में सरभैब नही कर सकते हैं।
आपके एक स्ट्रेटजी पर मास्टर करना होगा अगर आप मल्टीपल स्ट्रेटजी को यूज करते है तो आप ज्यादा तर आप लॉस ही करेगे इससे अच्छा हैं कि आप कोई एक स्ट्रेटजी पर मास्टर करना चहिए।
Option trading ke stretegy in Hindi:
- Married put
- Bull call spread
- Long strangle
- Iron condor
- Protective collar
इत्यादि स्ट्रेटजी के पर आप मास्टर कर सकते हैं।
इन सब strategy पर बात करेगें अगले ब्लॉग में
- ओवर ट्रेड न करे: (over trad n kare)
Over trading |
- लॉस रिकवर्ड करने के लिए ट्रेंडिंग न करे:(Loss recover के liye treding n kare)
अगर आपका किसी दिन ज्यादा लॉस हो जाता हैं ट्रेंडिंग में तो लॉस को रिकवर करने के लिय आप ट्रेंडिंग न करे क्युकी उस दिन आपको लॉस रिकवर के चाकर में आपको और बहुत बड़ा लॉस हो सकता हैं। और आपने इमोशन पर कंट्रोल करे
- ट्रेलिंग स्टॉप लॉस लगाए (Treling stop loss)
ट्रेलिंग स्टॉप लॉस तब लगाना चहिए जब मार्केट आपके फेवर में चल रहा हो यानि आपको 1 टार्गेट मिल गया तो उसी टार्गेट पर sl लगाकर आप अगले टार्गेट तक होल्ड कर सकते है।
Conclusion: I hope (आशा करते हैं की ऑप्शन ट्रेडिंग से बेसिक जितने भी आपको प्रोब्लम ओ लगभग अभी सॉल्व हो चूका होगा आपका )
Thank you for watching my blog 🙏🥰
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